रांची: लोकतंत्र बचाओ 2024 अभियान का प्रतिनिधिमंडल भारतीय राष्ट्रीय कॉंग्रेस पार्टी के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर व झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य से मिलकर 2024 लोकसभा चुनाव में मजबूत गठबंधन व संगठित संघर्ष की मांग की। अभियान की ओर से झामुमो, कॉंग्रेस व राष्ट्रीय जनता दल को संबोधित पत्र (संलग्न) दिया गया। INDIA गठबंधन के वाम दलों से भी अपील की गयी। भाकपा (मार्क्सवादी) के राज्य समिति के सदस्यों के साथ चर्चा हुई।
प्रतिनिधिमंडल ने दलों को कहा कि 2014 में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आई भारतीय जनता पार्टी की सरकार इस संविधान, लोकतंत्र और जन अधिकारों को खतम कर रही है। झारखंड, देश, लोकतंत्र व संविधान को बचाने के लिए 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराना अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। इसके लिए लोकतंत्र बचाओ 2024 (अबुआ झारखंड ,अबुआ राज) अभियान का गठन किया गया है। यह अभियान राज्य के कई जन संगठनों व सामाजिक कार्यकर्ताओं का साझा प्रयास है। अभियान अंतर्गत राज्य के सभी 14 लोकसभा क्षेत्रों में जन जागरण कार्यक्रमों जैसे जन सभा, कार्यशाला एवं वॉलंटियर प्रशिक्षणों आदि का आयोजन किया जा रहा है। अभियान का पर्चा भी दलों को दिया गया।
प्रतिनिधिमंडल ने दलों को कहा कि हाल के विधान सभा चुनावों के परिणामों ने फिर से साफ कर दिया है कि INDIA दलों को जमीनी स्तर पर मजबूत व गंभीर गठबंधन सुनिश्चित करना होगा और भाजपा व केंद्र सरकार की जन विरोधी नीतियों, धर्म-आधारित राजनीति व संविधान विरोधी रवैया के विरुद्ध स्पष्ट प्रतिबद्धता दर्शानी होगी। लेकिन विभिन्न लोकसभा क्षेत्रों में अभियान के दौरान यह बात सामने आई है कि गठबंधन दल जनता की अपेक्षाओं व मुद्दों के अनुरूप तैयारी नहीं कर रहे हैं।
अभियान के दौरान राज्य के विभिन्न लोकसभा क्षेत्रों से लोगों के प्रमुख मुद्दे एवं INDIA गठबंधन दलों से अपेक्षाएँ उभर के आए हैं। उनके आधार पर अभियान ने INDIA गठबंधन दलों से निम्न मांग की:
- मज़बूत जमीनी गठबंधन – कई लोकसभा क्षेत्रों में INDIA गठबंधन में दरार व प्रत्याशी संबन्धित कई प्रकार की नकारात्मक बातें व गलत संदेश लोगों के बीच जा रहे हैं। तुरंत उनका खंडन कर सभी दल आपसी तालमेल स्थापित करें, मजबूत गठबंधन सुनिश्चित करें एवं जल्द-से-जल्द सीटों का बँटवारा कर संयुक्त प्रत्याशियों की घोषणा करें। INDIA गठबंधन के वाम दलों के साथ भी मजबूत गठबंधन सुनिश्चित करें। राज्य की 1-2 सीटों पर वाम दलों का व्यापक जनाधार है एवं वहाँ उन्हें टिकट मिलना चाहिए।
- जनता की मांग के अनुरूप प्रत्याशी का चयन – आदिवासी सीटों पर ऐसे प्रत्याशी को टिकट न दें जो जल, जंगल, ज़मीन, अस्तित्व की लड़ाई में आदिवासियों के साथ खड़े नहीं रहते / रहती हैं। कई सामान्य लोकसभा सीटों में गठबंधन दलों द्वारा अनेक बार बाहरी प्रत्याशी (जो क्षेत्र के स्थायी निवासी नहीं है) को टिकट दिया जाता है। इससे लोगों में रोष है। इन क्षेत्रों में लोगों की मांग है कि स्थानीय व्यक्ति (क्षेत्र के निवासी) को ही गठबंधन का टिकट मिले। सामान्य लोकसभा सीटों में बहुसंख्यक दलित, आदिवासी व पिछड़े समुदायों की विशाल मौजूदगी के बावजूद गठबंधन द्वारा सवर्ण व्यक्तियों को प्रत्याशी बनाया जाता है। लोगों की मांग है कि क्षेत्र की सामाजिक स्थिति के अनुरूप प्रत्याशी का चयन किया जाय। सभी सीटों पर जनता की मांग के अनुसार प्रत्याशी दें।
- स्थानीय नेतृत्व व भागीदारी – यह देखा गया है कि गठबंधन दलों के स्थानीय नेतृत्व में क्षेत्र के अनेक वंचित समुदायों का नेतृत्व न के बराबर है। भाजपा को हराने के लिए विभिन्न लोकसभा क्षेत्र के सभी वंचित समुदायों को साथ लेकर चलने की ज़रूरत है। इसलिए सभी वंचित समुदायों को जल्द-से-जल्द पार्टियों के नेतृत्व में पर्याप्त स्थान मिलना चाहिए।
- जनपक्षीय राजनीति – पर्चे में उठाए गए जन मुद्दों पर पार्टियां स्पष्ट प्रतिबद्धता दर्शाएँ और गावों व शहरी बस्तियों में लोगों तक मोदी सरकार की नाकामियों को पहुंचाए। भाजपा की धर्म आधारित राजनीति के विरुद्ध संवैधानिक मूल्य आधारित राजनीति करें। अभी भी क्षेत्र में लोगों के साथ जन संपर्क कार्यक्रमों की कमी है।
अभियान ने दलों को कहा कि मजबूत गठबंधन को अभियान व जनता का पूर्ण समर्थन मिलेगा। लेकिन 2024 के चुनावी संघर्ष में लगातार सामाजिक और स्वतंत्र गैरचुनावी राजनीतिक शक्तियों से नियमित विमर्श की जरूरत है। भाजपा और उसकी सहयोगी शक्तियों को हराने की सबसे ज़रूरी शर्त यह है कि भाजपा विरोधी राजनीतिक दल और संगठनों के बीच नियमित संवाद हो, साझी समझ बने।