Editor page

Whatsapp Image 2023 08 17 At 18.54.09
Spread the love

कुछ दशकों से दबी जुबां पर या इधर उधर से भारत के संविधान को बदलने की बात हो रही है:राजू मुर्मू विचारक, चिंतक फ्री थिंकर

कुछ दशकों से दबी जुबां पर या इधर उधर से भारत के संविधान को बदलने की बात हो रही है! संविधान को बदलने की बात करने वाले कौन लोग है? इस विषय पर देश के नागरिकों बुद्धिजीवियों सामाजिक चिंतकों और इस धर्मनिरपेक्ष देश के उन सभी लोगों को भी सोचना होगा कि आखिर भारत के संविधान से किन लोगो को गुरेज या आपत्ति है। जिस संविधान में सभी जाति धर्म समुदाय सम्प्रदाय के लोगों को जीने की आज़ादी समानता का अधिकार और सभी के लिये कुछ विशेष अधिकार प्रदान किया है तथा जो समुदाय या जातियों को सामाजिक आर्थिक और शैक्षणिक अधिकारों से वंचित रखा गया था उन्हें भी अन्य विकसित समाज में प्रतिष्ठित करने एवं मान सम्मान से जीने का अधिकार भारत के संविधान ने प्रदान किया। फिर वे कौन लोग है जिन्हें भारत के संविधान से आपत्ति है और उसे बदलना चाहते हैं!

इस विषय पर इस देश के सभी नागरिकों को चिंतन करने की जरूरत है कि वह आस्तीन का सांप कौन है? जो अपना जहर से इस देश के माहौल को निरंतर खराब कर रहा है? मैं इस देश के 140 करोड़ भारतीय जनता से पूछना चाहता हुं कि –

∆क्या भारत का संविधान बदलना चाहिए?

∆क्या भारत के संविधान को बदलने के लिए मसौदा तैयार है?

∆अगर तैयार है तो यह मसौदा किसने तैयार किया है?

∆उनका मूल मकसद क्या है?

∆क्या इस देश के सिख ईसाई मुस्लिम जैनी बौधिष्ट नास्तिक और हिंदू सम्प्रदाय के लोग नया संविधान बनाना चाहते हैं?
∆क्या भारत का लोकतांत्रिक गणतांत्रिक धर्मनिरपेक्ष समानता का अधिकार से युक्त भारत का संविधान अच्छा नहीं है?

∆ किन लोगो को लगता है कि संविधान ने उनके साथ नाइंसाफी किया और उन्हें संवैधानिक अधिकार से रहित किया गया है?

इन सारे विषयों पर चिंतन करें, सवाल खड़ा करे क्योंकि यह संविधान बलिदान और कुर्बानियों के बाद बना है इस संविधान को बनाने में सभी कुल भाषा जातियों समुदाय सम्प्रदाय के लोगों ने और उनके पुरखाओँ ने शहादत दिया है। हमारे बीच कोई जहरीली विचारधारा वाले जरुर है जो अपने मकसद को पूरा करने के लिऐ भारत के लोगों को अपने बनाए सिस्टम में कैद करना चाहता है भारतीय लोगों को गुलाम बनाना चाहता है।

राजू मुर्मू
विचारक चिंतक
फ्री थिंकर

You may have missed

%d