66 वें राष्ट्रमंडल संसदीय संघ के अधिकारिक कर्यक्रम की आज घाना की राजधानी अकरा में शरूआत

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66 वें राष्ट्रमंडल संसदीय संघ के अधिकारिक कर्यक्रम की आज घाना की राजधानी अकरा में शरूआत की गयी।अकरा के कन्वेंसन हाॅल में उद्घाटन समारोह आयोजित किया गया।
कार्यक्रम का मुख्य थीम राष्ट्रमंडल चार्टर के दस वर्ष : संसदों द्वारा निर्धारित मूल्यों और सिद्धांतों की रक्षा।
उद्घाटन समारोह को घाना के संसद के बहुमत दल के नेता और घाना के संसदीय कार्य मंत्री श्री ओसी केयी मेन्सा बोन्सु , राष्ट्रमंडल संसदीय संघ के महासचिव स्टीफन ट्विग ने संबोधित किया।स्टीफन ट्विग ने अपने संबोधन में
राष्ट्रमंडल संसदीय संघ के प्राथमिकताओं के बारे में बात की।
उन्होंने संसदों में महिलाओं के प्रतिनिधित्व, मानवधिकारों की रक्षा और जलवायु परिवर्तन को संघ की प्राथमिकता बताया। उन्होंने भारत, न्यूजीलैंड और सिएरा लियोन को संसद में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाने के लिए बधाइयां दी।

श्री ट्विग् ने बताया की राष्ट्रमंडल सचिवालय द्वारा राष्ट्रमंडल को एक विधायी स्वरूप देने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। ब्रितानी सरकार अगर इस बार इस संबंध में कानून बनाने की पहल नहीं करती है तो राष्ट्रमंडल का मुख्यालय ब्रिटेन से हटाये जाने पर विचार किया जायेगा। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रमंडल की स्थापना एक कल्याणकारी संस्था के रूप में की गयी थी परंतु अब इसे ब्रिटिश संसद के द्वारा कानूनी स्वरूप प्रदान कराने का प्रयास किया जा रहा है।
कार्यक्रम का मूल भाषण घाना के राष्टृपति नाना अडो डंकवा अकूफ़ो अडो द्वारा दिया गया।
कार्यक्रम में अलग अलग विषयों पर कार्यशालाआयोजित की गयी।
माननीय अध्यक्ष झारखंड विधानसभा श्री रबीन्द्र नाथ महतो द्वारा तीन विषयों पर आयोजित परिचर्चाओं में भाग लिया गया।

प्रथम ऊर्जा संकट और पर्यावरण संरक्षण
विषय पर आयोजित कार्यशाला में अध्यक्ष महोदय ने पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गाँधी द्वारा वर्ष, 1972 स्टॉकहोम में आयोजित सम्मेलन में कही गयी बात को दुहराया कि पर्यावरण को तबतक संरक्षित नहीं किया जा सकता जब तक गरीबी का समाधान नहीं किया जाता। जो लोग अपनी आर्थिक कठिनाईयों के कारण प्रदूषित जीवन जीने को विवश हैं उन्हें पर्यावरण संरक्षण का पाठ नहीं पठाया जा सकता। इसलिए दुनिया के सभी देशों कि प्राथमिकता गरीबी की समस्या का निदान होना चाहिए और इसमें धनी देशों को गरीब देशों की मदद करनी चाहिए।

दूसरे विषय संसद में महिला आरक्षण का महिला सशक्तिकरण में योगदान विषय पर माननीय अध्यक्ष ने अपने व्याख्यान में कहां कि *हमारे राष्ट्र पिता महात्मा गाँधी ने अपनी वाणी में महिलाओं को भावनात्मक रूप से पुरुषों से अधिक शक्तिशाली बताया था। उनके बलिदान की क्षमता को पुरुषों से ज्यादा बताया था। माननीय अध्यक्ष ने संसद में महिलाओं के लिए आरक्षण को आवश्यक बताते हुए अपनी प्रस्तुति रखी।
तथा सरे विषय ई संसद के माध्यम से संसदीय प्रक्रिया को और कारगर बनाया जाना। इस विषय पर माननीय अध्यक्ष ने अपने विचार रखते हुए ई संसद के महत्व पर प्रकाश डाला और इस दिशा में झारखंड की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए नेशनल ई विधान एप्लीकेशन (NeVA) के माध्यम से माननीय सदस्यों को स्मार्ट डेस्क पर ले जाना तथा विधानसभा के चलते कार्यवाहियों को लाइव रूप से पब्लिक डोमेन पर उपलब्ध कराए जाना आदि विषयों पर अपने व्याख्यान को केंद्रित रखा।
कल राष्ट्रमंडल संसदीय संघ के जनरल असेंबली की बैठक निर्धारित है जिसमें माननीय अध्यक्ष द्वारा झारखंड ब्रांच का प्रतिनिधित्व किया जायेगा।

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