टोटेमिक कुड़ामी महतो ने 20सितंबर को हुए रेल टेका आंदोलन में गिरफ्तार हुए लोगो को रिहा करवाने हेतु लड़ेगा कानूनी लड़ाई।

रांची: टोटेमिक कुरमी/ कुड़मी (महतो) समाज के बैनर तले पुराना विधानसभा विधायक आवास क्लब, धुर्वा रांची में सभी कुड़मी नामधारी संगठनों का विचार गोष्ठी संपन्न हुआ । इस विचार गोष्ठी का अध्यक्षता टोटेमिक कुरमी/ कुड़मी समाज के मुख्य संयोजक शीतल ओहदार ने किया। विचार गोष्ठी में “रेल टेका” आंदोलन की समीक्षा किया गया तथा झारखंड के मुख्य सचिव से वार्ता पर चर्चा की गई तथा केंद्रीय गृह सचिव से होने वाली वार्ता के मुख्य बिंदुओं को चिन्हित किया गया। मनोहरपुर (घाघरा) रेल टेका आंदोलनकारीयों को जेल से जल्दी कैसे बाहर निकाला जाए इस पर चर्चा किया गया। विचार गोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य संयोजक श्री ओहदार ने कहा कि टोटेमिक कुरमी/कुड़मी जनजाति का संघर्ष वर्तमान समय में चरम पर है युवा, बुद्धिजीवी और माता- बहनें अपने संवैधानिक अधिकार के प्रति सजग हो रहे हैं, जिस दिन हमारे समाज के 70% लोग अपने अधिकार के प्रति जागरूक होंगे, उस दिन हमारा संवैधानिक अधिकार मिल जाएगा, बैठक में मुख्य रूप से कुरमी विकास परिषद के अध्यक्ष रंधीर चौधरी, कुरमी महासभा के प्रतिनिधि देवकी महतो, रामपोदो महतो, सखीचंद महतो, थानेश्वर महतो आदि ने भी संबोधित किया। विचार गोष्ठी में उपस्थित मुख्य वक्ताओं ने जोर देकर कहा कि पिछले 72 वर्षों से लगातार संघर्ष करने के बाद भी केंद्र सरकार टोटेमिक कुरमी/कुड़मी जनजाति को अनुसूचित जनजाति में सूचीबद्ध करने की मांग पर विचार नहीं कर रही है और जनजातीय मामले के मंत्री अर्जुन मुंडा हतोत्साहित करने वाले गलत बयान दे रहे हैं। साथ ही झारखंड प्रदेश के मुख्यमंत्री कुरमी/कुड़मी को अनुसूचित जनजाति की सूची में सूचीबद्ध करने की मांग पर मौन हैं। इन बिन्दुओं पर विचार करते हुए सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का झारखंड आगमन पर पुरजोर विरोध किया जाएगा तथा एयरपोर्ट से बाहर निकलने नहीं दिया जाएगा। यह भी निर्णय लिया गया कि कुरमी/ कुड़मी एसटी मांग पर मुख्यमंत्री चुप्पी तोड़ो और झारखंड निर्माता बिनोद बिहारी महतो को झारखंड पितामह का दर्जा दो इन दोनों मांगों को लेकर आगामी 21नवंबर 2023 को मुख्यमंत्री आवास घेराव का घोषणा किया गया। मुख्यमंत्री आवास घेराव कर्यक्रम में लाखों की संख्या में समाज के महिला पुरुष अपने पारंपरिक वेशभूषा में शामिल होंगे। उपस्थित समाज के प्रतिनिधियों द्वारा सर्वसम्मति से यह भी निर्णय लिया गया कि समाजिक एकता का परिचय देने और अनुसूचित जनजाति की मांग को लेकर और मजबूती के साथ लड़ने के लिए 18 फरवरी 2024 को ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान में कुरमी/ कुड़मी आक्रोश महारैली किया जाएगा। इन सभी आंदोलनों को सफल बनाने के लिए कुड़मी बाहुल प्रत्येक जिला के जिला प्रभारी एवं प्रखंड प्रभारी नियुक्त किया गया। बिचार गोष्ठी में सपन महतो,दानिसिंह महतो, राजेंद्र महतो, सखीचंद महतो, रचिया महतो, सुषमा देवी,ओम प्रकाश महतो आदि सैकडों लोग शामिल थे!