लातेहार के दो साल के संघर्ष के बाद आदिवासी महिला जीरामनी देवी को मिला आंशिक न्याय

लातेहार, दो साल के संघर्ष के बाद आदिवासी महिला जीरामनी देवी को मिला आंशिक न्याय
लातेहार,:12 जून 2021 को माओवादी सर्च अभियान पर निकले सुरक्षा बलों द्वारा पारंपरिक शिकार पर निकले निर्दोष आदिवासी युवा ब्रम्हदेव सिंह (पिरी गाँव, गारु प्रखण्ड, लातेहार, झारखंड) की गोली मार के हत्या कर दी गयी थी. दो सालों से ब्रम्हदेव की पत्नी जीरामनी देवी न्याय के लिए लगातार गाँव से न्यायालय तक संघर्ष कर रही हैं। . जनता के दबाव व कानूनी हस्तक्षेप के बाद ही पुलिस ने सच्चाई को मानते हुये कोर्ट में एफ़िडेविट दर्ज किया कि यह मुठभेड़ नहीं थी एवं सुरक्षा बल के फ़ाइरिंग में गोली लग के निर्दोष ग्रामीण ब्रम्हदेव सिंह की मौत हुई। 14 अगस्त 2023 को झारखंड उच्च न्यायालय ने जीरामनी द्वारा दायर रिट पिटिशन (W.P.(Cr.)/402/2021) में फैसला सुनाते हुए राज्य को आदेश दिया कि जीरामनी देवी को पाँच लाख रुपए मुआवज़ा दिया जाए एवं ब्रम्हदेव सिंह की हत्या के मामले की वरीय पुलिस पदाधिकारी द्वारा नए सिरे से जांच कर तीन महीने के अंदर रिपोर्ट कोर्ट को दी जाए।

झारखंड जनाधिकार महासभा ने इस मामले में विस्तृत तथ्यान्वेषण किया था और पाये गए तथ्यों को सरकार व मीडिया के सामने प्रस्तुत किया था। इस मामले में महासभा लगातार न्याय के लिए संघर्षरत रही है. महासभा उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करती है एवं जीरामनी समेत इस मामले में सहयोग कर रहे सभी ग्रामीणों व सामाजिक कार्यकर्ताओं के संघर्ष व स्थानीय और उच्च न्यायालय में मामले को देख रहे वकीलों की प्रतिबद्धता को सलाम करती है। लेकिन यह न्याय आंशिक है।