पोन्टी चड्डा का झारखंडी वर्जन है योगेंद्र तिवारी।

योगेंद्र तिवारी पोन्टी चड्डा का झारखंडी वर्जन। नेताओं को साधने के लिए उनके करीबियों को ट्रैप कर अपना उल्लू सीधा करता रहा, पैसे बनाता रहा। आज ईडी योगेंद्र के शराब ठेकों में गैरकानूनी भूमिका की जांच कर रही है। सामान्य लोगों के बीच पहली तस्वीर तब आई जब ईडी ने घर में छापा मारा। 2013 में योगेंद्र ने तब के सत्ताधारी पार्टी के एक नेता के छोटे भाई को अपना कारोबारी पार्टनर बनाया। बालू के धंधे में नागरे का पार्टनर बन योगेंद्र ने खूब पैसे बनाए। 2017 में प्रेम प्रकाश की एंट्री के बाद दोनों की पींगे बढ़ीं। 2019 में यूपीए की सरकार बनने के बाद प्रेम प्रकाश ने ट्रांसफर पोस्टिंग में उगाही शुरू की तो उसका सबसे बड़ा मददगार योगेंद्र तिवारी ही रहा। योगेंद्र की नौकरशाही में पकड़ और विश्वास का इस्तेमाल कर कम चर्चित चेहरे प्रेम ने पैसे बटोरे। ये भी सच है कि योगेंद्र को सत्ता शीर्ष पर बैठे नेता ने संरक्षण नहीं दिया। लेकिन सत्ता में बैठे नेताओं के करीबियों का इस्तेमाल योगेंद्र ने हमेशा अपने लिए किया। ट्रैपिंग में माहिर योगेंद्र अब ईडी के ट्रैप में उलझा हुआ है। सच जो भी सामने आए कुछ लोग अपनी मूर्खता से इस जालसाज के फेर में फंस गए।